5 Simple Statements About hanuman chalisa Explained
5 Simple Statements About hanuman chalisa Explained
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When he returns, he tells his scouting occasion what experienced transpired, they usually hurry back again to Kishkindha, wherever Rama had been ready all along for news.
भावार्थ – हे पवनकुमार! मैं अपने को शरीर और बुद्धि से हीन जानकर आपका स्मरण (ध्यान) कर रहा हूँ। आप मुझे बल, बुद्धि और विद्या प्रदान करके मेरे समस्त कष्टों और दोषों को दूर करने की कृपा कीजिये।
Throughout the extended struggle, Hanuman played a role to be a standard in the military. In the course of 1 rigorous combat, Lakshmana, Rama's brother, was fatally wounded; it had been imagined that he would die without the assist of a herb from a Himalayan mountain. Hanuman was the only real one particular who could make the journey so swiftly, and was Therefore despatched for the mountain.
Each and every time Rama's weapon killed Ravana, right away Ravana rose once again. Wibisana, Ravana's sister who sided with Rama quickly requested Hanoman that can help. Hanoman also lifted Mount Ungaran to slide along with Ravana's corpse when Ravana had just died on the arms of Rama with the umpteenth time. Looking at Hanuman's impudence, Rama also punished him to protect Ravana's grave. Rama believes that Ravana continues to be alive beneath the crush on the mountain, and Anytime can launch his spirit to wreak havoc on the planet.
All difficulties stop with the one who remembers the potent lord, Lord Hanuman and all his pains also come to an end.
भावार्थ – हे पवनसुत श्री हनुमान जी! आप सारे संकटों को दूर करने वाले हैं तथा साक्षात् कल्याण की मूर्ति हैं। आप भगवान् श्री रामचन्द्र जी, लक्ष्मण जी और माता सीता जी के साथ मेरे हृदय में निवास कीजिये।
व्याख्या – संसार में रहकर मोक्ष (जन्म–मरण के बन्धन से मुक्ति) प्राप्त करना ही दुर्गम कार्य है, जो आपकी कृपा से सुलभ है।
जै जै जै श्री कुबेर भण्डारी । धन माया के तुम अधिकारी ॥ तप तेज here पुंज निर्भय भय हारी ।..
खाटू वाला खुद खाटू से, तेरे लिए आएगा - भजन
व्याख्या – श्री हनुमान जी अष्ट–सिद्धियों से सम्पन्न हैं। उनमें सूक्ष्मातिसूक्ष्म एवं अति विस्तीर्ण दोनों रूपों को धारण करने की विशेष क्षमता विद्यमान है। वे शिव (ब्रह्म) का अंश होने के कारण तथा अत्यन्त सूक्ष्म रूप धारण करने से अविज्ञेय भी हैं ‘सूक्ष्मत्वात्तदविज्ञेयम्‘ साथ ही काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, अहंकार, दम्भ आदि भयावह एवं विकराल दुर्गुणों से युक्त लंका को विशेष पराक्रम एवं विकट रूप से ही भस्मसात् किया जाना सम्भव था। अतः श्री हनुमान जी ने दूसरी परिस्थिति में विराट् रूप धारण किया।
Hanuman Chalisa was composed by Tulsidas, a sixteenth-century poet-saint who was also a philosopher and reformer. Tulsidas is additionally renowned as the composer of Ramcharitmanas for his devotion to Shri Rama.
.. और यही कारण है निराला जी तुलसीदास को कालिदास, व्यास, वाल्मीकि, होमर, गेटे और शेक्सपियर के समकक्ष रखकर उनके महत्त्व का आकलन करते हैं।
व्याख्या – भजन अथवा सेवा का परम फल है हरिभक्ति की प्राप्ति। यदि भक्त को पुनः जन्म लेना पड़ा तो अवध आदि तीर्थों में जन्म लेकर प्रभु का परम भक्त बन जाता है।
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